
Patron's Message
श्री नारायणलाल श्रीमाली
संरक्षक नारायण विकास संस्थान् सुमेरपुर
विश्व -विख्यात हिमालय के सुपुत्रवत् अरावली पर्वत श्रृखलाओं के उत्तर पश्चिमांचल के गोडवाड-मारवाड क्षैत्र में बसे नारायण विकास संस्थान्् सुमेरपुर द्वारा संचालित क्षैत्रपाल महाविद्यालय में मैं आपका हार्दिक स्वागत करते हुए प्रसन्ता का अनुभव करता हूॅ एवं क्षैत्रपाल महाविद्यालय क्षैत्र का एक मात्र निजी सहशिक्षण महाविद्यालय हैं। ‘‘विद्या ददाति विनयम्, विनयात् याति पातृताम। पातृत्वात् धनमाप्नोति, धनात् धर्म ततो जयः।।‘‘ उच्च शिक्षार्जन कर विद्यार्थी अज्ञान-तिमिर से मुक्त होकर सुसंस्कारवान, सुनागरिक, विनम्र एवं अनुशासित होता हैं। ऐसे व्यक्ति ही पवित्र एवं शुद्ध धनार्जन करता हैं जिससे स्वयं का, समाज का, राष्ट्र का एवं विश्व का चरमोत्थान होता हैं। ‘‘ परोपकाराय पुण्यानाम् पापानाम् परपीडनम् ‘‘ शुद्ध एवं पवित्र धनार्जन का सदूपयोग समाज, राष्ट्र एवं समस्त प्राणियों के कल्याण में उपयोग कर स्वयं को भामाशाहों की श्रेणी में लाकर अपने माता-पिता, वंश एवं राष्ट्र का नाम उज्ज्वल कर समाज को सही दिग्दर्शन देता हैं एवं इस जन्म -जन्मान्तर में ख्याति प्राप्त करता हैं। क्षैत्रपाल महावद्यिालय, देसुरी उपखण्ड स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं आदिवासी जाति के ग्रामीणांचल में उच्च शिक्षा के प्रसार के साथ - साथ युवा वर्ग के भविष्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने में गत सन् 2005 से सक्रिय हैं। सन् 2005 मंे 16 विद्यार्थियों से इस महाविद्यालय का पौधरोपण किया। आज इस महाविद्यालय में स्नातक कक्षाओं (बी.ए.,बी.सी.ए.,बी.एस.सी.व एम.ए.) में अलग-अलग कुल 450 छात्र-छात्राऐं अध्ययनरत हैं। यह महाविद्यद्यालय आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं। अनुभवी एवं योग्यताधारी प्राध्यापकों के मार्गदर्शन से निरन्तर प्रगति पथ पर आरुठ है। आशा ही नहीं अपितु मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस संस्थान् का अंग बनकर आप अपने वंश की तथा इसकी कीर्ति पताका का विस्तार करने में सहयोग देंगे। मैं आपसे अपेक्षा करता हूॅ कि आप अध्ययन एवं अध्यापन व्यवस्थाओं में अनुशासन बनाये रखकर महाविद्यालय प्रशासन को पूर्ण सहयोग करेंगे। शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक प्रवृतियों में सक्रिय रूप से भाग लेकर ही आप अपने वंश की उज्जवल कीर्ति में चार चांद लगाऐंगे। मेरी ओर से पुनः आपका हार्दिक स्वागत करते हुए शुभकामनाए।
श्री नारायणलाल श्रीमाली